चीन का विस्तारवाद और भारत जापान साझेदारी
विपीन कुमार
शोध छात्र
पंजीयन संख्या : 466/2022
स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग
ति. मां. भा. वि. वि. भागलपुर
सारांश
"चीन को नियंत्रित करने के लिए भारत-जापान की साझेदारी" विषयक यह शोध आलेख एशिया के वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत और जापान के बढ़ते रणनीतिक सहयोग की भूमिका का विश्लेषण करता है। चीन की आक्रामक विदेश नीति, सैन्य विस्तारवाद और आर्थिक प्रभुत्व को संतुलित करने के प्रयास में यह साझेदारी एक वैकल्पिक शक्ति संरचना के रूप में उभर रही है, जो लोकतंत्र, बहुपक्षीयता और क्षेत्रीय समावेशिता जैसे मूल्यों पर आधारित है। आलेख की शुरुआत एशिया में शक्ति संतुलन की आवश्यकता और भारत-जापान-चीन के बीच ऐतिहासिक व समकालीन संबंधों की पृष्ठभूमि से होती है। इसके बाद चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक शक्ति, दक्षिण चीन सागर में उसका आक्रामक रुख, OBOR परियोजना, और भारत के साथ सीमावर्ती तनावों जैसे मुद्दों को प्रस्तुत किया गया है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियाँ बन चुके हैं। भारत और जापान की Special Strategic and Global Partnership इस परिप्रेक्ष्य में एक निर्णायक पहल बनकर सामने आती है। रक्षा सहयोग, नियमित सैन्य अभ्यास, क्वाड जैसी बहुपक्षीय पहल और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संयुक्त रणनीति इस साझेदारी को मजबूत आधार प्रदान करते हैं। साथ ही, आर्थिक व तकनीकी सहयोग जैसे बुलेट ट्रेन परियोजना, जापानी निवेश, Supply Chain Resilience Initiative (SCRI) और डिजिटल तकनीकी सहयोग भी इस संबंध को व्यापक बनाते हैं। दोनों देशों का वैश्विक मंचों पर कूटनीतिक समन्वय और बहुपक्षीय दृष्टिकोण, विशेष रूप से स्वतंत्र और समावेशी इंडो-पैसिफिक की संकल्पना, क्षेत्रीय शक्ति संतुलन की दिशा में सार्थक कदम है। यद्यपि इस साझेदारी के सामने रणनीतिक प्राथमिकताओं में भिन्नता, चीन के साथ आर्थिक निर्भरता, आंतरिक सीमाएँ और अमेरिका पर निर्भरता जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं, फिर भी संयुक्त रक्षा उत्पादन, IPEF में सक्रिय भागीदारी और बहुपक्षीय सहयोग इसे नई दिशा दे रहे हैं।
अंततः, यह शोध दर्शाता है कि भारत-जापान साझेदारी केवल द्विपक्षीय लाभ के लिए नहीं, बल्कि एशिया में एक स्थायी, संतुलित और न्यायपूर्ण व्यवस्था की स्थापना के लिए भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यदि यह सहयोग दीर्घकालिक दृष्टि और रणनीतिक एकजुटता के साथ आगे बढ़ता है, तो यह चीन के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में एक सशक्त माध्यम सिद्ध हो सकता है।
मूल शब्द (Key Words) : रणनीतिक साझेदारी, भूराजनैतिक संतुलन, इंडो-पैसिफिक, क्वाड (QUAD), आर्थिक सहयोग,सैन्य अभ्यास, OBOR (One Belt One Road), सप्लाई चेन रेज़िलिएंस, (SCRI),बुलेट ट्रेन परियोजना, मल्टीलेटरलिज़्म (बहुपक्षवाद), डिजिटल सहयोग, चीन की विस्तारवादी नीति